डीएलएस विधि
डीएलएस विधि (डकवर्थ-लुईस-स्टर्न विधि) एक गणितीय फॉर्मूला है जो सीमित ओवरों के क्रिकेट मैचों में बारिश या अन्य रुकावटों के कारण बाधित होने पर लक्ष्य को पुनर्गणना करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस विधि का नाम इसके निर्माताओं फ्रैंक डकवर्थ, टोनी लुईस और स्टीवन स्टर्न के नाम पर रखा गया है। यह विधि यह सुनिश्चित करती है कि दोनों टीमों को उचित मौका मिले, भले ही मैच बाधित हो। डीएलएस विधि दो संसाधनों को ध्यान में रखती है - शेष ओवर और शेष विकेट। जब मैच बाधित होता है, तो यह विधि गणना करती है कि दूसरी टीम को कितने रन बनाने होंगे। यह एक जटिल सांख्यिकीय मॉडल है जो हजारों मैचों के डेटा पर आधारित है। डीएलएस विधि ने पुराने रेन रूल्स जैसे कि रन रेट विधि को बदल दिया है। इस विधि का उपयोग विश्व कप और अन्य प्रमुख टूर्नामेंटों में किया जाता है। कभी-कभी यह विधि विवादास्पद भी हो सकती है जब परिणाम अपेक्षा से अलग होते हैं। हालांकि, यह वर्तमान में सबसे निष्पक्ष और वैज्ञानिक तरीका माना जाता है। डीएलएस विधि आधुनिक क्रिकेट का एक अभिन्न अंग बन गई है।