रिटर्न क्रीज़
रिटर्न क्रीज़ क्रिकेट पिच पर बनी वे रेखाएं हैं जो बॉलिंग क्रीज़ के दोनों छोर से समकोण पर खींची जाती हैं। ये क्रीज़ें पिच की चौड़ाई को परिभाषित करती हैं और गेंदबाजी के समय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। रिटर्न क्रीज़ बॉलिंग क्रीज़ से 1.32 मीटर (4 फीट 4 इंच) की दूरी पर स्थित होती है। गेंदबाज को गेंद फेंकते समय अपने पीछे के पैर को रिटर्न क्रीज़ के भीतर रखना होता है, अन्यथा यह नो-बॉल मानी जाती है। यह नियम सुनिश्चित करता है कि गेंदबाज पिच के बहुत किनारे से न फेंके जिससे बल्लेबाज को अनुचित कठिनाई हो। अंपायर रिटर्न क्रीज़ की स्थिति का ध्यान रखते हैं और यदि गेंदबाज इसका उल्लंघन करता है तो नो-बॉल घोषित कर सकते हैं। रिटर्न क्रीज़ स्टंपिंग और रन आउट के लिए भी प्रासंगिक है क्योंकि यह पिच की सीमा को निर्धारित करती है। विकेटकीपर और फील्डर इन रेखाओं को ध्यान में रखकर अपनी स्थिति बनाते हैं। पिच की तैयारी में रिटर्न क्रीज़ को सटीक रूप से चिह्नित करना आवश्यक है ताकि खेल में कोई विवाद न हो।