दिन-रात मैच
दिन-रात मैच क्रिकेट का एक विशेष प्रारूप है जो दिन के समय शुरू होकर रात तक जारी रहता है। इस प्रकार के मैच की सबसे बड़ी विशेषता गुलाबी गेंद (पिंक बॉल) का उपयोग है, जो कृत्रिम प्रकाश में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। टेस्ट क्रिकेट में दिन-रात मैच का प्रचलन 2015 में शुरू हुआ जब ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच पहला दिन-रात टेस्ट खेला गया। इस प्रारूप का मुख्य उद्देश्य टेस्ट क्रिकेट को अधिक दर्शकों तक पहुंचाना है, क्योंकि कामकाजी लोग शाम को मैच देख सकते हैं। गुलाबी गेंद पारंपरिक लाल गेंद और सफेद गेंद के बीच एक संतुलन प्रदान करती है। यह दोनों प्रकाश स्थितियों में दृश्यमान रहती है और इसकी सीम लाल गेंद की तरह मजबूत होती है। दिन-रात मैच में खिलाड़ियों को अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि गेंद दिन और रात के समय अलग-अलग व्यवहार करती है। संध्याकाल में जब प्राकृतिक और कृत्रिम प्रकाश मिलते हैं, तब बल्लेबाजी सबसे कठिन होती है। गेंदबाजों को भी गुलाबी गेंद से स्विंग और सीम लेने के लिए नई तकनीकें सीखनी पड़ती हैं। यह प्रारूप क्रिकेट में एक नई चुनौती और रोमांच लाया है।