तकनीकी निर्णय
तकनीकी निर्णय क्रिकेट में एक विशेष प्रकार का अम्पायरिंग निर्णय है जो डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) के तहत लिया जाता है। जब फील्ड अम्पायर किसी निर्णय को लेकर पूर्णतः आश्वस्त नहीं होता है, तो वह थर्ड अम्पायर से तकनीकी सहायता मांग सकता है। यह स्थिति मुख्यतः तब उत्पन्न होती है जब अम्पायर की दृष्टि में कोई बाधा हो या घटना इतनी तीव्र गति से घटे कि सटीक निर्णय लेना कठिन हो। तकनीकी निर्णय में स्नीको मीटर, हॉट स्पॉट, हॉक-आई और अन्य उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाता है। थर्ड अम्पायर विभिन्न कैमरा कोणों से रिप्ले देखकर और तकनीकी उपकरणों के डेटा का विश्लेषण करके सही निर्णय लेता है। यह प्रक्रिया खेल की निष्पक्षता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। तकनीकी निर्णय कैच, स्टम्पिंग, रन आउट, बाउंड्री निर्णय और नो बॉल की जांच में लिया जा सकता है। हालांकि LBW निर्णयों में तकनीकी निर्णय की प्रक्रिया अलग होती है, जहां टीमें रिव्यू का अनुरोध करती हैं न कि फील्ड अम्पायर। यह प्रणाली आधुनिक क्रिकेट में निर्णयों की सटीकता को काफी बढ़ा दी है।